लखनऊ। इकाना स्टेडियम (ekana stadium) में ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ नारे के साथ लखनऊ मैराथन में लक्ष्य से कई गुना अधिक तकरीबन 20,000 की संख्या में पहुंचकर प्रदेश की बेटियों ने 26 दिसम्बर को 1090 चौराहे पर दोहरे मापदंडों के आधार पर रोकी गयी मैराथन के प्रति ललकार दिखाई। राज्य की बेटियों ने योगी सरकार (Yogi Government) को सन्देश दिया कि नकारात्मक राजनीति एवं सरकारी तंत्रों का दुरुपयोग उन्हें स्वीकार नहीं है। तमाम अवरोधों के बावजूद बेटियों की ऐतिहासिक भागीदारी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के लोकप्रिय नारे ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ के साथ उनके जुड़ाव एवं लगाव पर मुहर लगा दी। लखनऊ मैराथन में प्रथम स्थान पूजा पटेल, दूसरा स्थान निशा यादव और तीसरा स्थान डिम्पल ने प्राप्त किया।
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ड्रोन कैमरों से की गई मैराथन की निगरानी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा0 उमा शंकर पाण्डेय ने बताया कि कांग्रेस (Congress) के स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) ने झंडा दिखाकर मैराथन का शुभारंभ किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) एवं भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर एवं तौकीर आलम ने भी बेटियों का उत्साहवर्धन किया। मैराथन को हरी झंडी मिलते ही लड़कियां लक्ष्य की तरफ दौड़ पड़ीं और पूरे जोश व जुनून के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 5 किलोमीटर की दूरी पूरी की। मैराथन को पारदर्शी बनाने एवं सुचारु रूप से संचालित व संपन्न कराने के लिए विभिन्न प्रकार के निगरानी एवं सुरक्षा के उपाय किए गये थे। ड्रोन कैमरों से भी मैराथन पर नजर रखी जा रही थी।
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लखनऊ मैराथन को निरस्त करने का प्रयास हुआ: पांडेय
इस मौके पर प्रवक्ता डॉ. पांडेय कहा कि लखनऊ मैराथन को धारा 144 और कोविड का हवाला देकर योगी सरकार द्वारा निरस्त करने का प्रयास किया गया। यह बेटियों के विरुद्ध योगी सरकार का कुचक्र था। 1090 चैराहे पर कार्यक्रम को रद्द करवाने के बाद इकाना स्टेडियम में भी कार्यक्रम में अवरोध उत्पन्न करने की भरपूर कोशिश की गयी। स्टेडियम के अंदर कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी गयी। स्टेडियम के बाहर कार्यक्रम करने को विवश किया गया। कार्यक्रम स्थल पर आयोजन के अनुरूप मंच नहीं बनाने दिया गया जबकि इसी स्टेडियम में 25 दिसम्बर को योगी सरकार ने टैबलेट बांटने के नाम पर भीड़ इकट्ठी की। यह योगी सरकार के दोहरे रवैये और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को दोहराता है। सरकार द्वारा रचे गए कई कुचक्रों के बावजूद राज्य की बेटियों की ऐतिहासिक जुटान ने योगी सरकार को भरपूर जवाब देते हुए बौना साबित कर दिया है।
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अड़चनों के बावजूद सफल रही लखनऊ मैराथन
मेरठ, झांसी, मुरादाबाद, में मैराथन की अद्भुत सफलता के बाद लखनऊ में भी कार्यक्रम ऐतिहासिक स्तर पर सफल रहा। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु प्रतिज्ञायें ली हैं तथा लड़कियों के लड़ने के जज्बे को मैराथन के माध्यम से सामने लाने का काम कर रहीं हैं। उनके इस प्रोत्साहन से प्रदेश की बेटियों का स्वाभिमान जाग रहा है। चुनावी साल में बौखलाई योगी सरकार इस कार्यक्रम में व्यवधान डालने और इसे रोकने की भरपूर कोशिश कर रही है। तमाम अड़चने डालकर बेटियों के जज्बे पर लगाम लगाना चाह रही है। साथ ही मैराथन को बदनाम करने का प्रयास भी कर रही है। लड़कियों ने योगी सरकार की इस नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है।
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