नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए गन्ने का भाव 305 रुपये प्रति क्विंटल (FRP) तय किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले अगले खरीद वर्ष के लिए गन्ने का भाव 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाते हुए 305 रुपये तय किया है। बता दें कि कैबिनेट बैठक में गन्ने की एफआरपी यानी उचित व लाभकारी मूल्य (Fair Remunerative Price) बढ़ाने पर फैसला लिया गया।

जानें क्या है एफआरपी

बता दें कि एफआरपी वह न्यूनतम रेट होता है जिसके आधार पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत एफआरपी तय करती है। सरकार की तरफ से एफआरपी में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का कैबिनेट नोट पहले ही जारी कर दिया गया था।

इसे भी पढ़ें: वैचारिक साम्राज्यवाद के विरुद्ध वातावरण बनाएं संचार माध्यम

इससे पहले गन्ने का भाव (FRP) 290 रुपये प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 305 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले आठ वर्षों में एफआरपी में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। इसका लाभ देश भर में 5 करोड़ गन्ना किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को मिलेगा।

बताते चलें कि गन्ना पेराई का मौसम आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और अप्रैल के मध्य तक जारी रहता है। सूत्रों के मुताबिक़ केंद्र सरकार ने गन्ने का भाव बढ़ाने के साथ ही अतिरिक्त 12 लाख टन (एमटी) चीनी निर्यात की अनुमति भी दी है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सितंबर, 2022 को समाप्त होने वाले मौजूदा सीजन में अनुमानित घरेलू उत्पादन से अधिक चीनी का उत्पादन हुआ है। हालांकि इस पर अभी सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।

इसे भी पढ़ें: शिवपाल ने अखिलेश के समाजवाद की उड़ाई धज्जियां

Spread the news