Pauranik Katha: कैलाश पर्वत उठा देने वाला रावण क्यों नहीं उठा पाया शिव धनुष, जानें क्या है रहस्य

Pauranik Katha: भगवान शिव का धनुष बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारिक था। शिव ने जिस धनुष को बनाया था उसकी टंकार से ही बादल फट जाते थे और पर्वत हिलने…

Pauranik Katha: देवी माँ ने किस प्रकार किया शुम्भ, निशुम्भ, चण्ड, मुण्ड और रक्तबीज का वध

Pauranik Katha: महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न…

Kavita: नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे

नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे, प्रकृति ने उसे सजाया है। है पृथ्वी का प्राकट्य दिवस, जग को बतलाने आया है।। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर्व, श्री सम्पदा साथ में लाया है।…

Kavita: दिल अंदर दिलदार है अंदर

दिल अंदर दिलदार है अंदर, प्रीतम प्रेमी प्यार है अंदर। परमपुरुष की सारी रचना, साथ में रचनाकार है अंदर। विष्णु अंदर ब्रह्मा अंदर, शिव अंदर शिवद्वारा अंदर। नवदुर्गा ग्रह चंद…

Kahani: स्नेह के आँसू

Kahani: गली से गुजरते हुए सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया। ऊपर से बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा। बीबी जी! सब्जी…

Kavita: चल अंदर

सूरज बाहर, तारे बाहर, पवन अगन जल चंदा बाहर। महल अटारी, नौकर चाकर, धन-दौलत का धंधा बाहर। बप्पा बाहर अम्मा बाहर, नाना-नानी-मम्मा बाहर। बेटी-बेटा भगनी भाई, कामी और निक्कमा बाहर।…

Pandit Makhanlal Chaturvedi: ‘यह सुधार-समझौतों वाली मुझको भाती नहीं ठिठोली’

पं. माखनलाल चतुर्वेदी (Pandit Makhanlal Chaturvedi) और उनकी संपूर्ण जीवनयात्रा, आत्मसमर्पण के खिलाफ लड़ने वाले संपादक की यात्रा है। रचना और संघर्ष की भावभूमि पर खड़ी हुयी उनकी लेखनी में…

Kahani: सबसे ज्यादा सुखी कौन

Kahani: एक भिखारी किसी किसान के घर भीख माँगने गया। किसान की स्त्री घर में थी उसने चने की रोटी बना रखी थी। किसान आया उसने अपने बच्चों का मुख…

Kahani: भक्त के लिए भगवान का उपहार

Kahani: ईश्वर अपने हर भक्त को एक प्यार भरी जिम्मेदारी सौंपता है और कहता है इसे हमेशा सम्भाल का रखा जाय। लापरवाही से इधर-उधर न फेंका जाय। भक्तों में से…

Kavita: मुनिया कॉलेज जाना चाहती थी

मुनिया कॉलेज जाना चाहती थी मगर “गोल-गोल फूली हुई रोटी बनाना सीख लेना भी कोई पढ़ाई लिखाई से कम है क्या?” ऐसा आजी कहती है। बबुआ सपना बहुत देखता है!…

Other Story