कानपुर। कैंसर से प्रभावित कोशिकाओं में बहुत तेजी से वृद्धि होती है और इसका इलाज भी काफी खर्चीला होता है। व्यक्ति को अगर शुरु में जानकारी हो जाये तो उसे भिंडी की सब्जी का अधिक सेवन करना चाहिये। इसमें खासकर ग्रीष्मकालीन भिंडी अधिक लाभप्रद है क्योंकि भिंडी में लेक्टिन प्रोटीन पाया जाता है जो कैंसर की कोशिकाओं को अनियंत्रित होने से बचाता है। कोशिकाओं के नियंत्रण से इलाज में भी कैंसर रोगी को काफी सहूलियत मिलती है।

कैंसर के इलाज में करता है मदद

यह बातें सोमवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने कही। उन्होंने बताया कि भिंडी में लेक्टिन नाम का विशेष प्रोटीन होता है जो कैंसर के इलाज में मदद करता है। शोध बताते हैं कि यह तत्व कैंसर सेल्स या ट्यूमर को बढ़ने से रोक देता है। लंग्स कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ल्यूकेमिया, कोलोरेक्टल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर, ब्लैडर कैंसर, सिर और गर्दन का कैंसर, थायरॉइड कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, यूटेराइन कैंसर और ना जाने कितने तरह के कैंसर के इलाज में इसे खाकर फायदा उठाया जा सकता है। यह प्रोटीन ह्यूमन कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में सक्षम है और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को 63 प्रतिशत तक रोक सकता है। यह फ्री रेडिकल्स के नुकसान से भी हमें बचाता है जो कई बार कैंसर का कारण होता है।

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है

डॉ खलील खान ने बताया कि भिंडी विटामिन सी का भी एक उत्तम स्रोत है। विटामिन सी जल में घुलनशील है जो शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त भिंडी में विटामिन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम एवं लोहा इत्यादि तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। भिंडी में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है जो सेहत के लिए फायदेमंद होती है।
उन्होंने बताया कि अल्सर एवं मधुमेह रोग में भिंडी का प्रयोग करना लाभप्रद पाया गया है। भिंडी में एंटी ऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करता है।औसतन एक कप (100 ग्राम कच्ची भिंडी) में 33 कैलोरी ऊर्जा, 1.39 ग्राम प्रोटीन, 23 मिलीग्राम विटामिन सी, 82 मिलीग्राम कैल्शियम, 299 मिलीग्राम पोटैशियम, 57 ग्राम मैग्नीशियम, 0.62 मिलीग्राम लोहा पाए जाने के कारण इसे महत्वपूर्ण सब्जी मानते हैं।

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