लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जहां एक तरफ ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत निवेशकों व उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश कर उद्योगों का जाल बिछाने व रोजगार मुहैया कराने के लिए तमाम योजनाएं चलाकर प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ सरकार की इस मंशा पर उन्हीं की पार्टी के पदाधिकारी पानी फेर रहे हैं। ऐसे ही एक पदाधिकारी लखनऊ की मेडिकल उपकरण बनाने वाले एक उद्योगपति से रंगदारी मांग रहे हैं और न देने पर जानमाल की धमकी दे रहे हैं। मामला लखनऊ के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में पीओसिटी सर्विसेज नाम की फर्म है जो मेडिकल उपकरण बनाने का कार्य करती है। फर्म के प्रमोटर सौरभ गर्ग व उनके परिवार को राजेश खन्ना नामक व्यक्ति धमकी दे रहा है और रंगदारी के रूप में कऱोडों रुपए की मांग कर रहा है, अन्यथा की स्थिति में फर्म को बर्बाद करने व परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहा है। इस संबंध में कंपनी द्वारा सरोजिनी नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे राजेश खन्ना नाम के इस असामाजिक तत्व के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

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इसके अतिरिक्त राजेश खन्ना बिना किसी अधिकार के भारतीय जनता पार्टी के लेटर हेड का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को आदेश देता है जो पूरी तरह गैरकानूनी है। उसे इसका किसी भी तरह का अधिकार नहीं है। इस संबंध में भी पीओसिटी द्वारा संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया जिस पर चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह ने भी कार्यवाही करने हेतु अग्रसारित किया, परंतु अफसोस की बात है कि अभी तक इस पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। अपने आप को भारतीय जनता पार्टी का पूर्व नगर उपाध्यक्ष बताने वाला यह शख्स राजेश खन्ना कई तरह के गलत कार्यों में लिप्त है जिसके वीडियो व अन्य साक्ष्य मौजूद हैं।

राजेश खन्ना द्वारा अपने यूट्यूब पर डाले गए वीडियो में यह देखा गया है कि यह व्यक्ति पूरे प्रशासनिक तंत्र- जिसमें प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), प्रमुख सचिव (गृह) व प्रबंध निदेशक उप्र मेडिकल कारपोरेशन जैसे आला अधिकारी शामिल हैं, के खिलाफ अभद्र टिप्पणियाँ व अपमानजनक बातें करता है। यह सभी साक्ष्य संबंधित अधिकारियों व पुलिस को उपलब्ध भी करवा दिए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस व अन्य अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न किया जाना समझ से परे है। योगी सरकार के प्रदेश में ईज आफ डूइंग बिजनेस कार्यक्रम को फेल करने में लगे ऐसे पदाधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही अपरिहार्य है ताकि सरकार की छवि धूमिल ना हो सके।

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