Basti News: शुक्रवार को मेधा (Medha) की बैठक प्रेस क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। मेधा (Medha) के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीनदयाल तिवारी ने बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग 20 लाख वंचित छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति दिलाने की मांग को लेकर लगातार जागरूकता अभियान जारी है। सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि इस संघर्ष को धार दिया जाय और आगामी 15 फरवरी से होने वाले पद यात्रा में शामिल हो।

बैठक में पद यात्रा की रणनीति बनाई गई। निर्णय लिया गया कि स्कूलों, महाविद्यालयों में दिसम्बर, जनवरी माह में सघन सम्पर्क के बाद शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति दिलाने की मांग को लेकर सघन पद यात्रा निकाली जायेगी। दीन दयाल तिवारी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में एससीएसटी छात्रों की फीस नहीं लगती थी और शून्य बैलेन्स पर कक्षाओं में प्रवेश मिल जाया करता था, किन्तु अब उनसे भी फीस लिया जा रहा है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है कि वे अपने बच्चों को किस तरह से शिक्षा दिलाएं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मौलिक अधिकार है और सरकारों की जिम्मेदारी है कि छात्रों को आर्थिक आधार पर पढ़ने से वंचित न किया जाय। यदि अति शीघ्र सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की व्यवस्था न की गई तो मेधा प्रदेश व्यापी आन्दोलन चलायेगी। उन्होंने मांग किया कि सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों की आय सीमा भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ढाई लाख रुपये वार्षिक किया जाय, सभी वर्गों के छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम के प्रतिशत की बाध्यता समाप्त किये जाय और शत प्रतिशत छात्रों को छात्रवृत्ति देने, जिन छात्रों को आधी अधूरी फीस भरपाई, छात्रवृत्ति मिली है उसे पूरा कराया जाय।

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बैठक में मुख्य रूप से प्रतीक मिश्र, रामरिका पाण्डेय, गिरीश चन्द्र गिरी, नरेन्द्र मिश्र उर्फ गुड्डू, राहुल तिवारी, गिरीश चन्द्र गिरी, महेन्द्र सिंह, विजय बहादुर सिंह, अम्बिका चौधरी, आकाश यादव, शिवकेश यादव, अंकित उपाध्याय के साथ ही मेधा के अनेक पदाधिकारी एवं महाविद्यालयों के अनेक छात्र और छात्र नेता शामिल रहे।

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