बस्ती: जीवन में छोटी छोटी बचत एक दिन हमारे बड़ी जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होती हैं। इसलिए हमें भविष्य में आने वाले आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपनी कमाई के कुछ हिस्से को बचत के रूप में बैंक, फिक्स डिपाजिट आदि के रूप रखना चाहिए। महिलाएं अपनी बचत को गुल्लक में भी इकट्ठा कर सकती हैं। यह बातें इन्डियन डेवलपमेंट फाउंडेशन मुम्बई व होम क्रेडिट इंडिया द्वारा प्रोजेक्ट सक्षम के तहत फाइनेंशियल लिट्रेसी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता नागेन्द्र शुक्ल ने सल्टौआ गोपालपुर के हरदिया, बिलौड़ी शुक्ल, और अटरा गाँव की महिलाओं को बताई।

बृहस्पति कुमार पाण्डेय ने बताया कि हमें अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए बचत की आदतों को बढ़ाना होगा। इसके लिए हमें दैनिक, साप्तहिक, मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक बजट बनाना सीखना होगा। जिससे हम अपने आमदनी के हिसाब से खर्च को निर्धारित कर पाने सक्षम होंगे। खर्चों के बजटिंग करने से हम अनावश्यक रूप से सेठ साहूकारों के कर्ज के चंगुल में जाने से भी बाख पाएंगे।

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उन्होंने महिलाओं को पहले के वर्तमान के और भविष्य के महंगाई को ध्यान में रख कर भी बचत करने की जरूरत है। उन्होंने महिलाओं को आकस्मिक स्थिति से निबटने के लिए फ़ोन नम्बरों के महत्व पर भी जानकारी दिया। एकाउंटेंट धर्मेन्द्र पाठक नें बचत के अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक उपायों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बिंदु देवी, राधी, राजकुमारी, प्रेमा, रेशमा देवी, श्यामसुन्दरी सहित अनेकों महिलाएं मौजूद रहीं।

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