
Basti: मनरेगा में भ्रष्टाचार यदि रुक जाए तो गांवों का विकास मॉडल बनने से कोई रोक नहीं सकता। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के चलते विकास योजनाएं परवान नहीं चढ़ने पा रही हैं। बनकटी विकास खंड में भ्रष्टाचार का ऐसा ही मामला देखने को मिल रहा है। यहां खण्ड विकास अधिकारी के चलते विकास योजनाओं का धरातल पर उतरना संभव नहीं दिख रहा है। यहां खण्ड विकास अधिकारी की जानकारी में काम करने वाली साइट पर 20 मजदूरों के स्थान पर 180 की हाजिरी लगवाकर भ्रष्टाचार के गोते लगाए जा रहे हैं।
बस्ती जनपद में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार जिम्मेदारों के ऐशोआराम का साधन बन गया है। भ्रष्टाचार का साक्ष्य होने के बाद भी उस पर प्रभावी रोक नहीं लगाया जाना इसका प्रमुख कारण है। जनपद के बनकटी विकास खण्ड में मनरेगा में भ्रष्टाचार का ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहाँ पर ग्राम पंचायत खराटी में बौलिया ताल से बड़ी पुलिया तक नाली खुदाई का कार्य गतिमान है। मौके पर 20 से अधिक मजदूर कार्य पर लगे हैं, परन्तु लिखा-पढ़ी में प्रतिदिन 18O मजदूरों की हाजिरी लगाकर जिम्मेदारों द्वारा रोज सरकारी खजाने को रुपया 36000 हजार लगभग का चुना लगाया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: चमोली में ग्लेशियर फटने से 57 मजदूर दबे
सूत्रों की मानें तो प्रतिदिन होने वाले भ्रष्टाचार में सेक्रेटरी, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व बीडीओ से लेकर ऊपर के आला अफसरों तक सबका कमीशन फिक्स है। जिसके कारण शिकायत एवं साक्ष्य होने के बजाय मनरेगा भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस संदर्भ में बनकटी विकास खंड अधिकारी से फोन से वार्ता करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल पाया।
– कर्मचन्द्र यादव की रिपोर्ट
इसे भी पढ़ें: निजी जिंदगी पर खुलकर बात नहीं करतीं अक्षरा सिंह