प्रकाश सिंह

अयोध्या: अयोध्या में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी हलचल काफी बढ़ गई है। सभी राजनीतिक दलों के कद्दवार नेता उत्तर प्रदेश में डेरा जमा लिया है। वहीं फ्री के नाम पर सत्ता का स्वाद चखने वाली आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में फ्री बिजली पानी देने का वादा करके भाजपा की परेशानी को बढ़ा दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मिशन यूपी के तहत उत्तर प्रदेश में आए हुए है। उन्होंने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में कभी राजनीति का मुद्दा रहे अयोध्या में श्री राम लला के दर्शन भी किए।

Kejriwal visited Ram Lalla

इससे पहले वह हनुमानगढ़ी मंदिर गए और वहां पूर्जा अर्चना की। सीएम केजरीवाल के साथ आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह भी मौजूद रहे। केजरीवाल पहले हनुमानगढ़ी गए उसके बाद राम जन्मभूमि के दर्शन करने पहुंचे। मजे की बात यह रही कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां भी फ्री वाले फार्मूले का प्रयोग करते हुए बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो सभी लोगों को राम लला के मुफ्त में दर्शन कराएंगे। बता दें इससे पहले सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने अयोध्या के सरयू नदी के तट पर वैदिक मंत्रों के बीच सरयू की आरती की थी।

Kejriwal visited Ram Lalla

 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में कुल 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। यूपी फतह करने के लिए आप आदमी पार्टी पूरी तरह से जुट गई है। इसके लिए पार्टी ने 100 उम्मीदवारों का एलान भी कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश के आप प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रदेश में ऐसा राम राज्य चाहते हैं जहां सभी खुशहाल हों। भयमुक्त समाज हो।

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अब सबके हो गए राम

Kejriwal visited Ram Lalla

अयोध्या की सियासत का केंद्र रहे अयोध्या के रामलला अब सबके हो गए हैं। वर्ष 2014 से पहले जहां भाजपा अयोध्या राम मंदिर बनाने की बात कहकर सत्ता से बाहर रह जाती थी वहीं क्षेत्रीय दल इसका विरोध कर सत्ता में आ जाती थीं। सभी राजनीतिक दल भाजपा से सवाल करते नजर आ जाते थे मंदिर कब बनाओगे? वक्त बदला तो हालात भी बदल गए। आज भाजपा शासन में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है, तो राजनीतिक दलों के लिए अयोध्या पर्यटन सा हो गया है। सभी राम भक्त हो गए हैं। सभी राजनीतिक दलों के कार्यक्रम की शुरुआत अयोध्या से हो रही है।

जब टेंट में थे रामलला तब किसी को नहीं आई याद

व्यक्ति का जब समय खराब होता है तो उसका साथ देने वाला कोई नहीं होता। यह एक रीति सी बन गई है। उसका सबसे अच्छा उदाहरण अयोध्या के रामलला हो गए हैं। आज जहां राजनेताओं का रोजाना दर्शन कार्यक्रम हो रहा है, वहां रामलला ने टेट में वर्षों गुजारे हैं। रामलला तब भी वही थे और आज भी वहीं है। बस बदला है तो वक्त। भगवान राम जब टेंट में थे तो भाजपा के कुछ नेताओं को छोड़कर उनकी चिंता किसी को नहीं सताई। आज जब वह छत के नीचे पहुंचने वाले हैं तो राम भक्तों की भरमार हो गई है। यही बात सामान्य जीवन में भी है। गरीब, मजलूम की बात तो सभी करते हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाले बहुत ही कम लोग हैं।

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