लखनऊ: देश को 1947 में आजादी मिली थी, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने देश के अमर बलिदानियों की परिकल्पना को नजर अंदाज करते हुए तुष्टीकरण की राजनीति को जन्म दिया और देश को धर्म, जाति, साम्प्रदायिक भेदभाव और अलगाववाद की ओर धकेल दिया। वर्तमान में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश संप्रदायवाद, जातिवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद से ऊपर उठकर एकजुट है। आज सरकारें संवेदनशील होकर समाज के प्रत्येक तबके के लिए बिना भेदभाव के कार्य कर रही हैं। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav of Independence) पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 23वें अंक में व्यक्त किए।

यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आजादी के अमर बलिदानियों को नमन करते हुए श्रद्वांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव पर देश की आज़ादी को अक्षुण्ण बनाए रखने वाले वीर सेनानियों की वीर गाथा को लोगों तक पहुंचाने का जो अभियान शुरू किया गया है, उसके लिए विद्या भारती परिवार को धन्यवाद करता हूं।

Yogi Adityanath

उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने 1952 में सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से पक्कीबाग गोरखपुर में एक विद्यालय का शुभारम्भ किया था, लेकिन आज पूरे देश में राष्ट्रीयता से ओतप्रोत संस्कारवान शिक्षा देने का केंद्र बिंदु बन चुका है। विद्या भारती और इससे जुड़ी हुई संस्थाएं वर्तमान पीढ़ी को खड़ा करने का कार्य कर रही है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती राष्ट्रभक्त और संस्कारवान युवा पीढ़ी निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव अभियान से जुड़कर विद्या भारती अपने वीर सैनिकों को सम्मान दिलाने का कार्य कर रही है, जो कि सराहनीय है। इससे प्रत्येक नागरिक के मन में देश की आजादी के प्रति एक नया जज्बा भी पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि हम सभी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आभारी हैं कि उन्होंने सम्पूर्ण देश को जोड़ने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश उस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है, जिससे सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना हो रही है। उन्होंने कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि उन सभी पक्षों का अभिनंदन, जिन्होंने राम मंदिर के मुद्दे को सांप्रदायिक सौहार्द के रूप में लिया और न्यायालय का सम्मान किया। सभी पक्षों ने जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार किया। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया।

जयपुर से ऑनलाइन जुड़े मेजर जनरल सुधाकर ने कहा कि हमें अपने जीवन में कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए, हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए, जिससे सफलता अवश्य मिलेगी। साथ ही उन्होंने युवाओं को अपने देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम चाहें कोई भी कार्य करते हों, लेकिन हमारे भीतर हमेशा अपने देश के लिए कुछ करने की ललक होनी चाहिए।

कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि अमृत महोत्सव की घोषणा होने के बाद विद्या भारती ने इस अभियान से जुड़ी कार्य योजना बनाकर पूरे देश में भेजा, ताकि वर्ष भर विद्या भारती के छात्र, पूर्व छात्र, अभिभावक, प्रबंध समितियों के सदस्य एवं सभी लोग स्वतंत्रता के काल खंड से पूर्ण रूप से परिचित हों। इसके साथ ही वीर बलिदानियों की गाथाओं से परिचित हो सकें, जिससे उनके मन में अपने देश के प्रति गौरव का भाव जगे। इसके अलावा स्वतंत्रता के पश्चात भारत वर्ष ने विकास किया है, उससे परचित हों।

इसे भी पढ़ें: मां गंगा ने नरेंद्र मोदी को चुना और मोदी ने योगी को

उन्होंने कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य अमृत महोत्सव के माध्यम से एक उज्ज्वल, श्रेष्ठ, समर्थ भारत का बनाने और वीर बलिदानियों से प्रेरणा लेकर देश के लिए कुछ करने का संकल्प युवा पीढ़ी के मन में जगाने का रहा है। इस अवसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन पुस्तकों और मेजर जनरल सुधाकर की शौर्य गाथा पर बनी डाक्युमेंट्री का विमोचन भी किया। केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। एकल अभियान के अखिल भारतीय महासचिव माधवेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष मिश्रा, ले.ज. प्रो. बीएनबीएम प्रसाद, मेजर जनरल एनबी सिंह, कर्नल वरुण वाजपेयी, पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महेन्द्र मोदी, विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, सेना के अधिकारी, चिकित्सक, शिक्षाविद, सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलीगंज के छात्र-छात्राएं सहित सैकडों लोग मौजूद रहे।

इसे भी पढ़ें: ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

Spread the news