
Waqf Bill: मोदी सरकार (Modi Government) के वक्फ बिल में ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) ने 14 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है, जबकि विपक्ष के 44 सुझावों को खारिज कर दिया गया है। यह निर्णय 27 जनवरी 2025 को हुई संसद की संयुक्त समिति की बैठक में लिया गया। पिछले साल 2024 के अगस्त में यह बिल संसद में पेश किया गया था, जिसमें 14 संशोधनों की सिफारिश की गई थी।
JPC अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि इन संशोधनों से वक्फ कानून को और अधिक प्रभावी और सशक्त बनाया जाएगा। वहीं, विपक्षी नेताओं ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है, और दावा किया कि उन्हें अपने विचार रखने का पूरा मौका नहीं मिला। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने JPC अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में उनकी बातें नहीं सुनी गईं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को पर्याप्त दस्तावेज और अभ्यावेदन नहीं दिए गए, जिनकी उन्होंने मांग की थी।
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JPC अध्यक्ष ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया, लेकिन विपक्षी सांसदों ने शोर मचाकर बैठक को बाधित किया और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की यह कोशिश थी कि रिपोर्ट संसद में पेश नहीं हो पाए। इससे पहले 24 जनवरी 2025 को हुई बैठक में भी हंगामा हुआ था, जिसके कारण 10 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर चर्चा करने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। वहीं, भाजपा पर यह आरोप भी लगाया गया कि वह दिल्ली चुनाव के मद्देनजर वक्फ बिल पर रिपोर्ट को जल्दी से संसद में पेश करने की कोशिश कर रही है। यह विवाद अब और गहरा गया है, और विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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