
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के कुंडा से विधायक राजा राघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच का विवाद अब तूल पकड़ चुका है। भानवी सिंह ने पति राजा भैया पर जहां गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज करायी है, वहीं विधायक भाई अक्षय प्रताप सिंह ने भानवी पर राजघराने को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि हम सभी का ये मानना है कि घर की बात घर में ही रहती तो अच्छा होता, लेकिन घर की बात को बाहर लाया कौन? घर की बात को मसालेदार गॉसिप बनाकर लोगों के बीच परोसने वाली भानवी सिंह का असली चेहरा आप लोगों के सामने लाना आवश्यक है, और ये सिलसिला जारी रहेगा।
भइया तो इस विषय पर कुछ कहते नहीं हैं, लेकिन यह अवश्य कहूंगा कि जिस तरह से भानवी सिंह विष वमन कर राजा भइया की छवि धूमिल करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाये हैं यह शर्मनाक है। उन्होंने जो आरोप लगाए है ऐसा कोई भी पत्नी अपने पति के लिए कभी भी न कहेगी न लिखेगी। उनके इसी व्यवहार के कारण भइया 10 वर्षों से अधिक से उनसे अलग ही रह रहे हैं।
1995 में भइया से विवाह होने के बाद भानवी सिंह को भदरी से चल- अचल अकूत संपत्ति दी गयी, जिसमें प्रतापगढ़ में खेत, बाग, दिल्ली में शानदार बंगला, उत्तराखंड में विशाल सेब के बाग और ज़मीन, साथ ही वे दो व्यापारिक संस्थान की मालकिन बनीं। आभूषणों, गहनों की तो कोई गिनती ही नहीं है।
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उन्हें इतनी संपत्ति मिली की उनकी संपदा राजा भइया से अधिक हो गयी। कई वर्षों से वह राजा भइया से अधिक आयकर रिटर्न भरती हैं। इतने से भी जब उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने अदालत से भइया के जैसी जीवनशैली जीने के लिए और अपने साज-श्रृंगार के लिए महंगे विदेशी ब्रांड खरीदने के लिए राजा भइया से ‘0 लाख प्रति माह की मांग की।
कुछ ही दिनों में उन्हें लगा कि यह रकम उनके शौक पूरा करने के लिए बहुत कम हैं और उन्होंने अपनी मांग बढ़ा कर 100 करोड़ रुपये और साथ में ही 25 लाख रुपये प्रति माह भइया से अदालत के माध्यम से मांगे। उन्होंने कहा, मैंने जो उपरोक्त बातें कहीं हैं सभी प्रमाणित हैं। इसके अभिलेख न्यायालय से प्राप्त किये जा सकते हैं।
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