जलगांव/लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित अखिल भारतीय हिंदू गोर, बंजारा एवं लबाना समुदाय के कुंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। 25 जनवरी से शुरू हुए कुंभ कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म, दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। सनातन धर्म के साथ छेड़छाड़ करने का मतलब मानवता के साथ खिलवाड़ करना है। जो लोग अवैध धर्मांतरण के माध्यम से राष्ट्रान्तरण की कुत्सित मंशा के साथ भारत के अंदर कार्य करना चाहते हैं, उनकी मंशा कभी सफल नहीं होने वाली।

वसुधैव कुटुंम्बकम् का उद्घोष हमारा सनातन धर्म ही कर सकता है

मुख्यमंत्री ने कुंभ सम्मेलन में आए पचास हजार लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो सभी प्रकार की कामनाओं और सिद्धियों की पूर्ति कर दे, वही कुंभ का भाव है। बंजारा कुंभ ने ये साबित कर दिया है कि वो भारत माता की रक्षा करने, उसके पूज्य संतों, ऋषियों, महापुरुषों और क्रांतिवीरों के संकल्प को अब धर्मजागरण के माध्यम से सिद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचाने का कार्य करेगा। हम सभी को सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने विश्व को मानवता की राह दिखाने वाले भारत में जन्म लिया है। इसके अलावा दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म जो दुनिया में मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है, उसमें जन्म लेने का सौभाग्य हम सबको प्राप्त हुआ है। सनातन धर्म का मतलब है मानव धर्म। वसुधैव कुटुंम्बक का उद्घोष हमारा सनातन धर्म ही कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने देश में हो रहे अवैध धर्मांतरण को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग अवैध धर्मांतरण के माध्यम से राष्ट्रान्तरण की कुत्सित मंशा के साथ भारत के अंदर कार्य करना चाहते हैं, उनकी मंशा कभी सफल नहीं होने वाली। अब जागृत समाज उठ खड़ा हुआ है। देश आज अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज एक नया भारत आकार ले रहा है। जिस तेजी के साथ और सनातन मूल्यों की रक्षा करते हुए भारत सरकार कार्य कर रही है, अगले कुछ वर्षों के अंदर हमारा देश दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

गुलामी के अंश को समाप्त करने का कार्य हो रहा

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत को दुनिया के टॉप 20 बड़े देशों का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने हर भारतवासी को पंच प्रण की याद दिलाते हुए कहा था कि देश के अंदर से गुलामी के अंश को सदैव के लिए समाप्त करना होगा। आपने देखा होगा कि राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डेन का नाम अब अमृत उद्यान हो गया है। अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। 500 वर्ष में ना जाने कितने संघर्ष हुए। लाखों हिन्दुओं, संतों को बलिदान देना पड़ा। मगर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेतृत्व और पूज्य संतों के मार्गदर्शन में आंदोलन आगे बढ़ा और जब देश के अंदर भारत की सोच रखने वाली सरकार आई तो अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रशस्त हुआ। अगले वर्ष रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।

देशभर में होने चाहिए ऐसे कुंभ कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने कुंभ के आयोजकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां पिछले 6 दिन से पूज्य संतों के सानिध्य में कुंभ का आयोजन हुआ है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। देश के विभिन्न राज्यों से आकर लोग यहां सेवाभाव से जुटे हैं, वो अनुकरणीय है। ऐसे कुंभ कार्यक्रमों को एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में पूरे देश में चलाना चाहिए।

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धर्मांतरण को रोकने के लिए आयोजित हुआ कुंभ

इस कुंभ के जरिए पूरे भारत के बंजारा समाज को एक साथ जोड़ने की कोशिश की गयी है। यहां राष्ट्रीय स्तर पर ‘धर्मांतरण नहीं कानून’ की मांग को लेकर एक संकल्प भी पारित किया गया। ये कुंभ बंजारा समुदाय के धर्मांतरण को रोकने और सभी बंजारा, लबाना व नायकड़ा समुदाय को एकजुट करने के लिए आयोजित किया गया। इसका आयोजन संतों और बंजारा समुदाय ने मिलकर किया। समापन समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रमुख भैया जी जोशी और बाबा रामदेव सहित संतगण मौजूद रहे। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुंभ कार्यक्रम में जुड़े।

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